(Panchvarshiya Yojana In Hindi) भारत की पंचवर्षीय योजना एक व्यापक आर्थिक योजना है। इस योजना का उद्देश्य पांच साल की अवधि में देश की अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सेवाओं को स्थायी तरीके से विकसित करना है। पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू की गई थी और सबसे हालिया, बारहवीं पंचवर्षीय योजना, 2012 से 2017 तक लागू की गई थी। प्रथम पंचवर्षीय योजना हैराल्ड-डोमर माडल पर तथा दूसरी पंचवर्षीय योजना पी सी महालनोबिस माडल पर आधारित थी।
भारत में तेरहवीं पंचवर्षीय योजना नहीं है। 2014 में योजना आयोग को भंग किए जाने के बाद से, कोई औपचारिक आर्थिक योजना स्थापित नहीं की गई है, जबकि पंचवर्षीय रक्षा योजनाएं अभी भी जारी हैं।
पंचवर्षीय योजना लाने का उद्देश्य।
पंचवर्षीय योजना का प्राथमिक उद्देश्य आर्थिक विकास में तेजी लाना और गरीबी को कम करना है। यह योजना कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने, बुनियादी ढांचे में सुधार और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को मजबूत करने पर केंद्रित है। पंचवर्षीय योजना तैयार करने और उसे लागू करने की जिम्मेदारी संभालने वाले योजना आयोग ने प्रत्येक क्षेत्र के लिए विशिष्ट लक्ष्यों की पहचान की है।
पंचवर्षीय योजना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना है। योजना का उद्देश्य खाद्य फसलों की उपज में वृद्धि करना और आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। यह कृषि उपज की सिंचाई, भंडारण और परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार पर भी केंद्रित है।
पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य औद्योगिक उत्पादन बढ़ाना और छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (MSME) के विकास को बढ़ावा देना भी है। योजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करना और कार्यबल के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण विकसित करना है।
यह योजना परिवहन, बिजली और संचार सहित देश के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर भी केंद्रित है। योजना का उद्देश्य सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करना है। इसका उद्देश्य बिजली की उपलब्धता और विश्वसनीयता को बढ़ाना और देश भर में संचार नेटवर्क का विस्तार करना है।
पंचवर्षीय योजना में गरीबी को कम करने, स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने और जनता को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से सामाजिक कल्याण कार्यक्रम भी शामिल हैं। योजना का उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना और स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
अब तक के पंचवर्षीय योजनाओं का विवरण।
योजना़ | अवधि | विकास दर का लक्ष्य | प्राप्त विकास दर | प्राथमिक क्षेत्र |
प्रथम पंचवर्षीय योजना | 1951-1956 | 2.1 | 3.6 | कृषि, सिंचाई, विद्युत |
दूसरी पंचवर्षीय योजना | 1956-1961 | 4.5 | 4.1 | भारी उधोग |
तीसरी पंचवर्षीय योजना | 1961-1966 | 5.6 | 2.8 | खाधान्न, उधोग |
चौथी पंचवर्षीय योजना | 1969-1974 | 5.7 | 3.3 | कृषि |
पांचवीं पंचवर्षीय योजना | 1974-1979 | 4.4 | 4.83 | निर्धनता उन्मूलन, आर्थिक आत्मनिर्भरता |
छठी पंचवर्षीय योजना | 1980-1985 | 5.2 | 5.7 | कृषि, उधोग |
सातवीं पंचवर्षीय योजना | 1985-1990 | 5.0 | 6.2 | उर्जा, खाधान्न |
आठवीं पंचवर्षीय योजना | 1992-1997 | 5.6 | 6.8 | मानव संसाधन, शिक्षा |
नौवी पंचवर्षीय योजना | 1997-2002 | 6.5 | 5.4 | सामाजिक न्याय |
दसवीं पंचवर्षीय योजना | 2002-2007 | 8.0 | 7.5 | रोजगार, उर्जा |
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना | 2007-2012 | 9.0 | 8.3 | समावेशी विकास |
बारहवीं पंचवर्षीय योजना | 2012-2017 | 8.0 | – | त्वरित, सतत् एवं समावेशी विकास |
योजना अवकाश।
वर्ष 1966-1967 से 1968-1969 की अवधि के समय योजना अवकाश लगा। योजना अवकाश लगने के प्रमुख कारणों में से एक भारत-पाकिस्तान संघर्ष तथा उस वक्त भयंकर सूखा पड़ने के कारण संशाधनों की कमी तथा मूल्य स्तर में वृद्वि रही।
- पंचवर्षीय योजना के समय 1966-1967 तथा 1968-1969 तक योजना अवकाश लगा। इस बीच तीन वार्षिक योजनाएं बनकर तैयार हुई।
- इस अवकाश अवधि में कृषि तथा सम्बद्व क्षेत्र और उधोग क्षेत्र को समान प्राथमिकता दी गई।
- इस समय 3.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्वि दर प्राप्त हो सकी।
इन्हें भी देखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।
प्रथम पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थी?
हैराल्ड-डोमर माडल पर।
दूसरी पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थी?
पी सी महालनोबिस माडल पर।
योजना अवकाश कब लगा था?
वर्ष 1966-1967 से 1968-1969
पंचवर्षीय योजना की शुरूआत?
पंचवर्षीय योजना की शुरूआत वर्ष 1951 में हुई थी जब इस समय पहली पंचवर्षीय योजना लागू की गई थी।