सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद (GNP)

सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद उस आय को कहते है जो सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) में विदेशों से होने वाली आय को जोड़कर प्राप्‍त किया जाता है। अर्थात् सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद (GNP) एक वर्ष की अवधि में एक देश के सामान्‍य नागरिकों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अंदर या बाहर उत्‍पादित की गयी अंतिम वस्‍तुओं और सेवाओं के सकल मूल्‍य से है।

साधन लागत पर (GNP)

साधन लागत पर सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद का मतलब उस राष्‍ट्रीय उत्‍पाद से है जिसका मूल्‍य उत्‍पादन क्रिया में प्रयुक्‍त साधनों को प्राप्‍त आय के आधार पर ज्ञात किया जाता है। साधन लागत के अंतर्गत हम कर्मचारीयों का पारिश्रमिक, ब्‍याज, निगम लाभ ह्रास इत्‍यादि को मिलाते हैं।

बाजार मूल्‍य पर (GNP)

किसी वर्ष के दौरान उत्‍पादक इकाइयों द्वारा आर्थिक सीमा के अंदर तथा बाहर सभी अंतिम वस्‍तुओं एवं सेवाओं का बाजार मूल्‍य ही बाजार मूल्‍य पर सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद कहलाता है। जब साधन लागत पर सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद में परोक्ष व्‍यापारिक कर जोड़ देते हैं और सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान को घटा देते है तो हमें बाजार मूल्‍य पता चलता है।

सकल राष्‍ट्रीय उत्‍पाद (GNP) के उपयोग।

  • सकल राष्‍ट्रीय आय के आधार पर अंतराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष दुनियां के देशों की रैकिंग जारी करता है। इसके आधार पर IMF उन देशों की क्रय शक्ति समता के आधार पर रैंक देता है। 2015-16 में क्रयशक्ति समता के आधार पर IMF ने भारत को दुनियां की तीसरी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बताया है।
  • राष्‍ट्रीय आय को आंकने के लिए GNP, GDP की तुलना में विस्‍तृत पैमाना है क्‍योंकि यह अर्थव्‍यवस्‍था की परिमाणात्‍मक तस्‍वीर के साथ-साथ गुणात्‍मक तस्‍वीर भी पेश करता है।
  • यह एक अर्थव्‍यवस्‍था को दुनियां की दूसरी अर्थव्‍यवस्‍था के साथ रिश्‍ते पर रोशनी भी डालता है।
  • GNP, यह बताता है कि बाहरी दुनियां किसी देश के खास उत्‍पाद पर कितने निर्भर है और वह उत्‍पाद दुनियां के देशों पर कितना निर्भर है।

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