चौहान वंश (Chauhan Vansh)

चौहान वंश के संस्‍थापक वासुदेव को माना जाता है। चौहान वंश की शुरूआती राजधानी अहिच्‍छत्र थी। जिसे बाद में अजयराज द्वितीय ने अजमेर नगर स्‍थापित कर इसे चौहान वंश की राजधानी बनायी।

चौहान वंश के सबसे शक्तिशाली शासक अर्णोराज के पुत्र विग्रहराज चतुर्थ वीसलदेव को माना जाता है। जिसने हरिकेलि नामक संस्‍कृत नाट्य की रचना की थी।

पृथ्‍वीराज तृतीय इस वंश का अंतिम शासक था। चन्‍दवरदाई पृथ्‍वीराज तृतीय का राजकवि था, जिन्‍होंने पृथ्‍वीराजरासो की रचना की थी।

रणथंभौर के जैन मंदिर का शिखर पृथ्‍वीराज तृतीय ने बनवाया था।

तराइन के प्रथम युद्ध 1191 ई. में पृथ्‍वीराज तृतीय ने गौरी को हराया। तथा तराइन के द्वितीय युद्ध 1192 ई. में गौरी ने पृथ्‍वीराज तृतीय को हराया था।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न।

चौहान वंश के संस्‍थापक थे?

उत्तर: वासुदेव।

हरिकेलि नामक संस्‍कृत नाटक की रचना की थी?

उत्तर: विग्रहराज चतुर्थ ने।

चौहान वंश का अंतिम शासक?

उत्तर: पृथ्‍वीराज तृतीय।

रणथंभौर के जैन मंदिर का शिखर किसने बनवाया?

उत्तर: पृथ्‍वीराज तृतीय।

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